Mandir Jaha Tha Fir Vahi Mandir Banayenge Lyrics एक बहुत सुंदर शिव भजन है। जिसको Gyanvapi Lyrics भी कहा जाता है, इस ज्ञानवापी लिरिक्स को Hansraj Raghuvanshi द्वारा गाया गया है। रघुवंशी जी द्वारा यह ज्ञानवापी गीत Shivratri में शिव के लिए एक special भजन समर्पित है। यह Lyrics शिवरात्रि में भगवान शिव के लिए एक सुंदर भजन के साथ साथ भक्तगणों को एक संदेश भी है।
इस पोस्ट में Mandir jaha tha fir vahi mandir banayenge lyrics को Hindi और English दोनो भाषाओं में लिखा गया है, तथा इस लिरिक्स को free में Download करने के लिए इसका PDF भी नीचे संलग्न किया है।
Mandir Jaha Tha Fir Vahi Mandir Banayenge Lyrics In Hindi:
है विश्वनाथ बाबा, सबसे बड़ा प्रतापी ।
उसका ही वनारस है, उसका ही ज्ञानवापी ।
हैं विश्वनाथ बाबा, सबसे बड़ा प्रतापी ।
उसका ही वनारस है, उसका ही ज्ञानवापी ।
उसका ही ज्ञानवापी।।
हम उसका कर्ज, साथ ये देकर चुकाएंगे ।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।।
हम भोले के भगत हैं, फक्कड़ मिजाज वाले।
मस्ती में मगन हैं हम,दुनिया से निराले।
हम भोले के भगत हैं, फक्कड़ मिजाज वाले।
मस्ती में मगन हैं हम,दुनिया से निराले।।
उन काशी विश्वनाथ से, वादा निभायेंगे।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।
आया भगवे की लहर है, मंदिर है सजने वाला।
कैलाशी आए काशी,डमरू है बजने वाला।
आया भगवे की लहर है, मंदिर है सजने वाला।
कैलाशी आए काशी,डमरू है बजने वाला।।
बस उसके ही सामने अपना सिर झुकायेंगे ।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।।
नंदी की प्रतीक्षा का, फल इसे दिलाएंगे ।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।
हम काशी विश्वनाथ से वादा निभायेंगे।
मंदिर जहां था, फिर वहीं मंदिर बनाएंगे।।
Gyanvapi Lyrics PDF Download:
ज्ञानवापी लिरिक्स PDF या मंदिर जहां था फिर वहीं मंदिर बनाएंगे lyrics PDF को free में download करने के लिए नीचे दिए गए लिंक से डाऊनलोड कर सकते हैं।
Mandir Jaha Tha Fir Vahi Mandir Banayenge Lyrics in English:
Hai vishwanath baba, sabse bada pratapi,
Uska hi Vanaras hai, uska hi gyanvapi,
Hai vishwanath baba, sabse bada pratapi,
Uska hi Vanaras hai, uska hi gyanvapi,
Uska hi gyanvapi.
Ham uska karz, sath ye dekar chukayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge.
Ham bhole ke bhagat hai, fakkad mijaj Wale,
Masti mein Magan hai ham, duniya se nirale,
Ham bhole ke bhagat hai, fakkad mijaj Wale,
Masti mein Magan hai ham, duniya se nirale.
Un Kashi Vishwanath se vada nibhayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge.
Aaya bhagwe ki lahar hai, mandir hai sajne wala,
Kailashi aaye Kashi, damaru hai bajne wala,
Aaya bhagwe ki lahar hai, mandir hai sajne wala,
Kailashi aaye Kashi, damaru hai bajne wala.
Bas uske hi samne, apna sir jhukayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge.
Nandi ki pratiksha ka, fal ise dilayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge,
Ham Kashi Vishwanath se vada nibhayenge,
Mandir jaha tha, fir vahi mandir banayenge.