Shri Hanuman Stavan Lyrics In Hindi is stotra dedicated to lord Hanuman. The devotees of lord hanuman chant this hanuman stavan for vanish all obstacle from his life.
This stotra (Shri Hanuman Stavan) sung by many singers such as Anup Jalota, Hariharan etc.
Shri Hanuman Stavan Lyrics In Hindi:
प्रनऊ पवन कुमार खलबन पावक ग्यान धन | जासु हृदय अगार वसहीं रामम् सर चाप धर || ||
अतुलित बलधामम् हेमशैलाभदेहं | दनुजवनकृशानुम् ज्ञानिनामग्रगण्यम | सकलगुणनिधानम् वानारानामधीषम् | रघुपतिप्रियभक्तम् वातजातम् नमामि ||
गोस्पदी-कृत वारिषं माशकीकृत राक्षसं | रामायणमहामाला रत्नम् वंदेनिलात्मजम् ||
अंजनानंदनम् वीरं जानकीशोकनाशनम् | कपीशम् अक्षहन्तारं वंदे लंकाभयंकरम् ||
महाव्याकरणाम्भोधी मंथमानसमंदरम् | कवयन्तं रामकितर्या हनुमंतमुपाश्महे ||
ऊलंघ्य सिंधोः सलिलं सलीलं यम् शोकवहिनम् जनकात्मजायाः | आदाय तेनैव ददाह लंकाम् नमामि तं प्रांजलिरांजनेयम् ||
मनोजवं मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमताम् वरिष्ठम् | वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये ||
अन्जनेयमतिपाटलाननम् कान्चनाद्रिकमनीयविग्रहम् | पारिजाततरूमुलवासिनम् भावयामि पवमाननंदनम् ||
यत्र-यत्र रघुनाथ कीर्तनं तत्र-तत्र कृत मस्त कान्जलिम् | बाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुती नमत रक्षासांतकम् ||
Hanuman Stavan Ka Hindi Arth:
आइये जानते हैं क्या होता है hanuman stavan ka Hindi Arth क्युकी बिना अर्थ को समझे श्री हनुमान स्तवन का पाठ करने में दिलचस्पी नही होती है |
इस स्तोत्र में श्री हनुमान जी का खूब प्रंसशा किया गया है जो कि हनुमान जी इसके पात्र भी हैं और उनके द्वारा किया हुआ कठिन कार्य का वर्णन भी इसमे किया गया है | तो चलिए Shri Hanuman Stavan Ka Arth समझते हैं |
Hanuman Stavan Hindi Arth:
मै पवन कुमार श्री हनुमान को प्रणाम करता हूं | वे दुष्टों को वन के दावानल की तरह जला देते हैं | और ज्ञान की मेघ रुपी वर्षा करते हैं | उनके मन मंदिर में श्री चंद्र जी धनुष बाण सहित निवास करते हैं |
श्री हनुमान जी अतुलनीय शक्ति के भंडार हैं | स्वर्ण पर्वत की कांति के समान उनका शरीर दीप की मान है | वे दानव रुपी वन में दावानल तुल्य हैं और ज्ञानियों के अग्रगण्य हैं, वे समस्त गुणों के भंडार हैं और वानरों के सेनापति हैं | वे श्री राम के प्यारे भक्त हैं और पवन के पुत्र हैं | ऐसे श्री हनुमान जी को मै बंदन करता हूं |
श्री हनुमान जी ने समुद्र को गो के पदचिन्ह के भाति पार किया |और राक्षसों को मच्छरों की तरह मसल दिया |वे रामायण के पत्रों की महामाला में रत्न के तुल्य हैं | ऐसे वायु के पुत्र हनुमान जी को मै नमस्कार करता हूं |
माता अंजनी के पुत्र, सीता माता के शोक को दूर करने वाले, अक्षय कुमार का संघार करने वाले, लंकापूरी के लिए भयंकर महावीर श्री हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूं |
श्री हनुमान जी ने क्रीडा करते हुए समुद्र के जल को पार कर लिया और शोक विह्वल जनक नंदनी सीता जी के शोक का आग लेकर लंका का दहन किया |अंजनी माता के ऐसे पुत्र श्री हनुमान जी को मै करवद्ध प्रणाम करता हूं |
श्री हनुमान जी मन की मति से चलने वाले हैं | पवन के समान उनका वेग है | उन्होंने इन्द्रियों को जीत लिया , बुद्धिमान व्यक्तियों में सर्वश्रेष्ट हैं | वे पवन के पुत्र हैं वानर सेना के नायक हैं | भगवान श्रीराम के दूत हैं मैं उन्ही के शरण में आया हूं |
अंजनी माता के पुत्र श्री हनुमान जी का मुख गुलाब के तुल्य रक्तवर्ण हैं, शरीर सोने के समान सुन्दर स्वरुप है | वे कल्पवृक्ष के जड में निवास करते हैं | ऐसे पवन पुत्र का मैं ध्यान करता हूं |
जहाँ-जहाँ रघुनाथ का कीर्तन होता है, वहां-वहां पर हनुमान जी मस्तक पर अंजलि बाधे हुए प्रणाम की मुद्रा में उपस्थित रहते हैं | कथा सुनते हुए उनके नेत्र अश्रुपूर्ण रहते हैं | राक्षसों का संघार करने वाले ऐसे पवन पुत्र को मैं नमन करता हूं |
Hanuman Stavan Lyrics In English :
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Pranavaun pavankumar khal ban paavak gyandhan |
Jaasu hridya aagaar basahin ram sarchaap dhar ||
Atulit baldhamam hem shailabhdeham |
Danujvan krishanum gyaninaamgra ganyam ||
Sakal gun nidhanam vanaranaam dhisham |
Raghupati priya bhaktam vaatjatam namami ||
Goshpadi krit varisham mashki krit raksham |
Ramayan mahamala ratnam vande nilatmajam ||
Anjana nandanam veeram janaki shoknashanm |
Kapish maksh hantaram vande ladkabhayandkaram |
Mahavyakarnambhodhi manthmaan samandaram |
Kavyantam ramkitryaa hanumant mupasmahe ||
Ulandhya sindhoah salilam salilam yah shokvahinam jankatmajaayah |
Aaday tenaiv dadaah ladkam namami tam pranjaliranjaneyam ||
Manojvam marut tulya vegam jitendriyam buddhimatam varishtham |
Vataatamanjam vanaryuth mukhyam shriram dutam sharanam prapdye ||
Anjaneyam atipatlaalanam kanchanadri-kmaniy vigraham |
Paarijaat taru-mula vaasinam bhaavayami pavama-nandanam ||
Yatra yatra raghunath kirtanam tatra-tatra kritmast kaanjalim |
Vashpvaari pari-puran-lochanam marutim namat rakshasantkam ||
Shri Hanuman Stavan Pdf Download In Hindi:
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