Vishu Bhatnagar Hanuman Gatha Lyrics | Vishu Bhatnagar Hanuman Bhajan Lyrics

Vishu Bhatnagar Hanuman Gatha Lyrics एक बहुत ही लोकप्रिय Hanuman ki Katha है जो कि प्रसिद्ध गायक Vishu Bhatnagar के द्वारा गाया गया है | इसे Vishu Bhatnagar Hanuman Bhajan Lyrics के नाम से भी जाना जाता है। विशु भटनागर Kumar Vishu के नाम से प्रसिद्ध हैं |

Vishu Bhatnagar hanuman gatha lyrics

दोस्तों अगर आप भगवान हनुमान जी के बारे में कुछ नहीं जानते हैं या थोड़ा बहुत जानते भी हैं तो भी यदि आप एक बार भी Vishu Bhatnagar ki Hanuman Gatha को पूरा सुन लिया या Hanuman Gatha Lyrics को पढ़ लिया तो यकीनन आपको हनुमान जी के बारे में बहुत कुछ जानकारी हों जायेगी |

Hanuman Gatha by Vishu Bhatnagar (kumar Vishu) चार भाग में है | जिसमे hanuman janam katha से लेकर हनुमान जी द्वारा किये गये अद्भुत एवं दुर्लभ कार्यों के साथ-२ हनुमान जी के माता-पिता एवं हनुमान के पुत्र बारे में भी रोचक कहानी का वर्णन किया गया है |

Vishu Bhatnagar Hanuman gatha को “हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं” के नाम से भी जाना जाता है जो कि Ham aaj Pavansut Hanuman ki katha sunaate hai हनुमान गाथा की पहली पंक्ति है |

Vishu Bhatnagar Hanuman Gatha Lyrics:

हम आज पवनसुत हनुमान की कथा सुनाते हैं |

पावन कथा सुनाते हैं |

वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं |

हम कथा सुनाते हैं |

जो रोम-रोम में राम-सिया की छवि बसाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं ….२ |

वीरों के वीर उस महावीर कि गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

कुंजी कस्थिला नाम था जिसका स्वर्ग की थी सुंदरी |

वानर राज कुंजर के जन्मी नाम हुआ अंजनी |

कपिराज केसरी ने उसका ब्याह रचाया था |

गिरि नामक संग कर आनंद मंगल छाया था |

राजा केसरी को अंजना का रूप लुभाया था |

देख देख अंजनी को उनका मन हर्षाया था |

वैसे तो उनके जीवन में थी सब खुशहाली |

परन्तु गोद अंजनी माँ की संतान से थी खाली |

अब सुनो हनुमत कैसे पावन के पुत्र कहाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं |

वीरों के वीर उस महावीर कि गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

Why Hanuman is called Pavan Putra:

पुत्र प्राप्ति कारण अंजना तप की महाभारी |

मतंग मुनि हो प्रसन्न हुए अंजना के हितकारी |

बोले मुनिवकटा चले जाओ हे देवि हे अंजना |

वक्तेश्वर भगवान को जपो और तप से प्रसन्न करना |

अंजना ने आकाश गंग का पावन जल पिया |

घोर तपस्या करके वायु देव को प्रसन्न किया |

अंजनी माँ को स्पर्श किया वायु का एक झोका |

पावन देव हों प्रकट उन्हें फिर पुत्र प्रदान किया |

इस कारण बजरंग पवन देव के पुत्र कहाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं |

वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

हनुमान का जन्मदिन:

राजा केसरी और अंजना करते नित शिव पूजा |

शिव भक्ति के बिना नही था काम उन्हें दूजा |

हों प्रसन्न शिव प्रकट हुए तब अंजना वर मांगी |

हे शिव शंकर पुत्र मेरा हों आपके जैसा ही |

शिव जी बोले अंजना होगी पूर्ण तेरी इच्छा |

मेरे अंश का ११ वां रूद्र ही पुत्र तेरा होगा |

जन्म लिए बजरंगी घट गये संकट के बादल |

चैत्र शुक्ल की १५ थी और दीन था शुभ मंगल |

बजरंगी तब से शंकर के अवतार कहाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं |

वीरों के वीर उस महावीर की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

केसरी नंदन का है भक्तों प्यारा था बचपन |

झूल रहे थे चन्दन के पलने में सुख रंजन |

काम काज में लगी हुयी थी तब अंजना रानी |

सूरज को फल समझ उन्होंने खाने की ठानी |

उड़ने की शक्ति पवन देव ने उनको दे ही दी थी |

उड़ने लगे सूरज का फल खाने वाला बजरंगी |

वायु देव को चिंता हुयी मेरा बच्चा जल ना जाए |

सूर्य देव की किरणों से मेरा फूल झुलस न जाए |

बर्फ के जैसी वायु देव यूँ हवा चलाते हैं |

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

सूर्य देव ने उनको आते देखा अपनी ओर |

समझ गये ओ पवन पुत्र हैं नहीं बालक कोई और |

शीतल कर ली सूर्यदेव ने अपनी गरम किरणे |

पवन पुत्र गुरु रथ पर चढकर सूर्य लगे गसने |

अमावस्या को राहू सूर्य को गसने जब आया |

बजरंगी का खेल देख कर बड़ा ही घबराया |

इंद्र देव को आकर सारा हाल था बतलाया |

बोला एक बालक से मैं तो प्राण छुडा लाया |

इंद्र देव को साथ में लेकर राहू आते हैं, पावन कथा सुनाते हैं |

बजरंगीबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

Hanuman Aur Indra Ka Yudh:

साथ इन्द्र को लेकर वापस राहू जब आया |

बाला जी की मार से राहू खुद को बचा नही पाया |

मार मारकर राहू को जब कर डाला बेहाल |

दौड़े येरावत को खाने माँ अंजनी के लाल |

एरावत की रक्षा करने इन्द्र बने फिर ढाल |

बाला जी की शक्ति का देखे जब इंद्र कमाल |

समझ खिलौना बाला एरावत को पकड़ लिए |

इंद्र देवता को भी अपनी भुजा में जकड लिए |

फिर इन्द्र देव क्या करते हैं आगे बतलाते हैं |

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान |

वार किया जब वज्र से इन्द्र ने उनकी थोडी पर |

मूर्छित होकर पावन पुत्र गिर गये गिरि कन्दरा पर |

इन्द्र देव पर क्रोधित होकर गति रोक ली अपनी |

तीनों लोक के प्राणी करने लगे त्राहि त्राहि |

सारे देवताओं को न सूझी जब कोई भी आस |

ब्रह्मा जी को लेकर पहुचे पवन देव के पास |

ब्रह्म्मा जी ने हाथ जब उनके अंगों पर फेरा |

छण में दूर हुयी बाला बजरंगी की मूर्छा |

वरदान उन्हें दे देकर सारे देव मानते हैं, पावन कथा सुनाते हैं |

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

ब्रह्म देव ने बजरंगी को यह वरदान दिया |

ब्रह्म कभी नही लगगा इसको यह एलान किया |

बोले इंद्र तेरा शरीर होगा वज्र के जैसा कठोर |

सूर्य देवता बोले देख के स्नेह से उनकी ओर |

मेरे तेज से होगा बाला तु तो सकाबधान |

वरुण ने अपने फास और जल से बचने को दिया बरदान |

कहने लगे यमराज तु मेरे दंड से रहेगा दूर |

और बहुत से देवों ने वरदान दिए भरपूर |

इस कारण बजरंग सब देवों के देव कहाते हैं |

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

ब्रह्म देवता बोले तु होगा ऐसा ग्यानी |

झुक जायेंगे तेरे आगे बड़े बड़े अभिमानी |

तुझे युद्ध में कोई पराजित कर नही पायेगा |

तु जैसा चाहेगा वैसा रूप बनाएगा |

संकटहारी तु सबका ही होगा हितकारी |

कहने लगे फिर इन्द्र देव है बजरंग बलधारी |

तेरी हनु टूटी जो बालक लगा वज्र मेरा |

इस कारण हनुमान रखा मै आज से नाम तेरा |

हनु टूटने के कारण हनुमान कहाते हैं | पावन कथा सुनाते हैं |

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

नटखट चंचल ऐसे थे बालापन में हनुमान |

बजरंगी की चंचलता से ऋषि मुनि थे हैरान |

ऋषियों ने सोचा बालक में नही अच्छा अभिमान |

श्रॉप दिया इस कारण इसका हो जाये कल्याण |

होके बड़ा करना है इसको राम प्रभु का कार्य |

ऋषिवर बाबा बजरंग का यूँ करते थे सत्कार |

ठीक समय पर इसे जो शक्ति याद दिलाएगा |

हम ऋषियों के श्रॉप से छुटकारा मिल जाएगा |

ऋषि मुनि साधू संत इनकी जयकार लगते हैं |

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

मातृ शिक्षा से रामचरित्र का पूरा ज्ञान मिला |

बजरंगी को सब देवों से भी बरदान मिला |

अंजनी माँ आदर्श चरित्र की कथा सुनाया करती |

भक्त का और भगवान का अंतर उन्हें बताया करती |

एक दीन अंजनी माता बोली जाओ मेरे लाला |

सूर्य देव से शिक्षा लो ये है आदेश मेरा |

माँ इच्छा को रख आँखों पर धर कर शक्तिमान |

सूर्य देव से शिक्षा लेने जा पहुचे हनुमान |

सूर्य देव से शिक्षा लेने बजरंगी जाते हैं, पावन कथा सुनाते हैं |

बजरंगबली उस महाबली की गाथा गाते हैं, हम कथा सुनाते हैं |

ये ज्ञानी गुण के निधान जय महावीर हनुमान ||

Vishu Bhatnagar Hanuman Gatha lyrics का शेष भाग शीघ्र ही पूरा किया जाएगा |

Hanuman Vadvanal Stotra PDF

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