Sunderkand path in Hindi pdf download करने से पहले सुंदरकांड के बारे में जानना बहुत आवश्यक है | सम्पूर्ण सुन्दरकांड पाठ में श्री हनुमान जी के द्वारा किये गये अदभुत एवं विशेष कार्यों का वर्णन मिलता है |
तुलसीदास कृत रामचरितमानस का कथानक बाल्मीकि कृत रामायण से लिया गया है इसमें कुल ७ कांड (या ७ सोपान ) हैं | जो इस प्रकार है – १.बालकाण्ड, २.अयोध्याकाण्ड, ३.अरण्यकांड, ४.किष्किन्धाकांड, ५.सुंदरकांड, ६.लंकाकांड, ७.उत्तरकाण्ड |
रामचरितमानस के ७ कांडो में सुंदरकांड सबसे अलग है | सुन्दरकांड इसलिए अलग है दोस्तों, क्योकि इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के भक्त श्री हनुमान जी के द्वारा किये गये साहसीय एवं महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन किया गया है | जबकि रामचरितमानस के अन्य ६ कांडो में श्री राम जी के कार्यों का गुणगान किया गया है |
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दोस्तों, इस लेख में हम सुंदरकांड के बारे में बात करेंगे | रामचरितमानस में सुंदरकांड का विशेष महत्व है | सुंदरकांड में हनुमान का लंका की ओर प्रस्थान करना, विभीषण से मुलाकात करना तथा सीता से भेट करना एवं उन्हें श्री राम जी का मुद्रिका देना, अक्षय कुमार का बध करना, लंका दहन करना तथा लंका से वापस लौटने तक का सुंदर वर्णन मिलता है |
रामचरितमानस में सुंदरकांड पंचम सोपान है इसके बाद का कांड लंकाकाण्ड है |
सुन्दरकांड का नाम सुंदरकांड क्यों पड़ा ?
हम लोग जानते हैं की रावण ने माता सीता को अशोक वाटिका में रखा था और यह अशोक वाटिका सुंदर नामक पर्वत पर स्थित था | जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुचे और इस सुंदर पर्वत पर जाकर अशोक वाटिका में माता सीता जी से मुलाकात किये |
ये श्री राम, हनुमान और माता सीता जी के लिए बहुत ही सुखद बात थी | इसी बजह से इस कांड का नाम सुंदर कांड पड़ा |
सुंदरकांड में कितने दोहे हैं ?
सुंदरकांड में कुल ६० दोहे हैं |
सुंदरकांड पाठ के फायदे :
सुंदरकांड का पाठ करने के बहुत से फायदे होते है जैसे –
*सुंदरकांड का पाठ करने से हनुमान जी का आशीर्वाद बहुत शीघ्र मिलता है |
Sunderkand Path in Hindi PDF download करके या सुंदरकांड book से हनुमान जी की पूजा करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते है क्यूंकि इससे उच्चारण करने में त्रुटि होने की संभावना कम हो जाती है |
इससे आत्मविश्वास में बृद्धि होती है |
सुंदरकांड पाठ करने से आस-पास की नकारात्मक शक्तियों दुर भाग जाती हैं |
सुंदरकांड पाठ कैसे करे ?
मंगलवार और शनिवार महावीर हनुमान जी का दिन होता है तो सुन्दरकांड का पाठ मंगलवार से प्रारंभ करनी चाहिए |
प्रातः काल अपने शरीर और मन को शुद्ध करके सुंदरकांड का पाठ हनुमान जी के मंदिर में बैठ कर पूरी श्रद्धा भव् से करनी चाहिए |
सुंदरकांड का पाठ करने में कोई त्रुटि ना हो इसके लिए सुंदरकांड पाठ pdf free में download कर सकते हैं |
सुंदरकांड का पाठ समाप्त होने पर गुण और चने का प्रसाद वितरण करना चाहिए | जिससे हनुमान जी की दृष्टि आप पर बनी रहती है |